वाक्यांश के लिए एक शब्द one word
किसी भी लेखन को श्रेष्ठ तभी माना जा सकता है जब वो सरल , सरस व संक्षिप्त हो । साधारण बोलचाल में भी यदि हम अपनी बात संक्षिप्त रूप में कहने में समर्थ हैं तो हमारी बात का महत्त्व बढ़ जाता है । भाषा के संक्षिप्तिकरण के लिए हमें ऐसे शब्दों का ज्ञान होना आवश्यक है जो थोड़े ही या एक ही शब्द में हमारे मन्तव्य को व्यक्त कर दे । यहां हम वाक्य या वाक्यांश के लिए एक शब्द दे रहें जो निश्चित तौर पर आपके भाषायी ज्ञान में वृद्धि करने में समर्थ होंगे ।
वाक्यांश | एक शब्द |
जिसका कथन न किया जा सके | अकथनीय |
मात्रा से अधिक वर्षा होना
| अतिवृष्टि |
जिसको किसी तर्क से काटा न जा सके | अकाट्य |
जिसे खाया न जा सके | अखाद्य |
वह स्थान जिस पर कोई जा न सके | अगम्य |
सबसे पहले गिना जाने वाला | अग्रगण्य |
वह जो पहले जन्मा हो | अग्रज |
वह जो इन्द्रियों द्वारा न जाना जा सके | अगोचर |
वह जो कभी बूढ़ा न हो | अजर |
वह जिसका कोई शत्रु पैदा ही न हुआ हो | अजातशत्रु |
वह जिस पर विजय प्राप्त न की जा सके | अजेय |
वह जो इन्द्रियों के अनुभव के परे हो | अतीन्द्रिय |
वह जो दिखाई न दे
| अदृश्य |
वह जिसकी तुलना न की जा सके | अतुलनीय |
वह जिसके जैसा दूसरा न हो | अद्वितीय |
वह जो दूर की बात न सोच सके | अदूरदर्शी |
पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि | अधित्यका |
आत्मा से सम्बन्धित
| अध्यात्म |
गजट में प्रकाशित सूचना | अधिसूचना |
वह कथा जो मूलकथा में आए | अन्तर्कथा |
वह जो सबके मन की बात जानता है | अन्तर्यामी |
अनेक राष्ट्रों के बीच | अंतरराष्ट्रीय |
वह जिसका कोई अन्त न हो | अनन्त |
वह जिसका दूसरे से सम्बन्ध न हो | अनन्य |
वह जिसे किसी बात का पता न हो | अनभिज्ञ |
वह जिसका कोई स्वामी ( नाथ ) न हो | अनाथ |
पलकों को बिना गिराये | अनिमेष |
वह जिसका वर्णन न किया जा सके | अनिर्वचनीय |
वह जिसे रोका नहीं जा सके | अनिरुद्ध |
वह जिसके अभाव में कोई कार्य संभव नहीं हो | अनिवार्य |
वह उक्ति जो परम्परा से चल रही हो | अनुश्रुति |
वह जिसके लक्षण प्रकार आदि न बताए जा सके | अनिर्वचनीय |
वह जो अनुकरण के योग्य हो
| अनुकरणीय |
किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता | अनुदान |
वह जो बाद में जन्मा हो | अनुज |
वह जो व्यर्थ खर्च करता है | अपव्ययी |
वह कारण जिसे टाला न जा सके | अपरिहार्य |
वह अंश जो पढ़ा हुआ न हो | अपठित |
वह जिसकी पहले से आशा न की गई हो | अप्रत्याशित |
वह जिस पर मुकदमा चल रहा हो | अभियुक्त |
वह जिसे भेदा न जा सके | अभेद्य |
वह जिसे कम ज्ञान हो | अल्पज्ञ |
छ : माह में एक बार होने वाला | अर्धवार्षिक |
वह जिसका वध न किया जा सके | अवध्य |
वह घटना जो अवश्य घटने वाली है | अवश्यम्भावी |
वह जो कानून विरुद्ध हो
| अवैध |
वह जो बिना वेतन के काम करे | अवैतनिक |
वह जिसे क्षमा न किया जा सके | अक्षम्य |
फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार | अस्त्र |
वह जिसमें कुछ भी ज्ञान न हो | अज्ञ |
पूरे जीवन भर / जीवन तक | आजीवन |
अपनी ही हत्या करने वाला | आत्महन्ता/आत्मघाती |
पैर से लेकर सिर तक | आपादमस्तक |
शीघ्र प्रसन्न होने वाला
| आशुतोष |
वह जो ईश्वर में विश्वास रखे | आस्तिक |
जो इन्द्रियों की पहुँच के परे हो | इन्द्रियातीत |
वह जो ऋण से मुक्त हो गया हो | उऋण |
पर्वत के नीचे की भूमि | उपत्यका |
वह भूमि जिसमें कुछ भी न उपजता हो | ऊसर |
इतिहास से सम्बन्धित | ऐतिहासिक |
वह जो कविता करती है | कवयित्री |
वृक्षों और लताओं से घिरा स्थान | कुंज |
वह जो बाह्य जगत् के ज्ञान से अनभिज्ञ हो | कूपमंडूक |
वह जो किए का उपकार माने | कृतज्ञ |
वह जो कीटाणुओं को मारे | कृमिघ्न |
क्षण में नष्ट होने वाला
| क्षण भंगुर |
चार भुजाएँ हैं जिसके वह | चतुर्भुज |
क्षमा करने योग्य | क्षम्य |
चक्र है पाणि में जिसके वह | चक्रपाणि |
वह रचना जो गद्य - पद्य मिश्रित हो | चम्पू |
वह जिसकी कुछ जानने की इच्छा हो | जिज्ञासु |
वह चर्चा जिसका कोई प्रामाणिक आधार न हो | जनश्रुति |
वह जो तीन कालों की बात जानता है | त्रिकालज्ञ |
वह जिसमें बाण रखे जाते हैं | तरकश |
वह जो तीनों गुणों से परे हो | त्रिगुणातीत |
तीनमाह में एक बार होने वाला | त्रैमासिक |
वह जिसके दश मुख हो | दशानन |
वह जिसके दश कन्धे हो | दशकंध |
वह जिसे लाँघना कठिन हो | दुर्लंघ्य |
वह जिसे भेदना कठिन हो | दुर्भेद्य |
वह जिसका दमन करना कठिन हो
| दुर्दमनीय |
वह जिसे पार करना कठिन हो | दुस्तर |
वह जिसका जन्म अभी हुआ हो | नवजात |
वह जो ईश्वर में आस्था न रखे | नास्तिक |
वह जो नाशवान है | नश्वर |
वह स्थान जहाँ कोई भी जन न हो | निर्जन |
बिना पलकें गिराये देखना | निर्निमेष |
वह जिसे बाहर निकाल दिया गया हो | निर्वासित |
वह जो ममता से रहित हो | निर्मम |
वह जिसे अक्षरों का ज्ञान न हो | निरक्षर |
वह जो दूसरों के अधीन हो | पराधीन |
वह जो रात्रि में विचरण करता है
| निशाचर |
पन्द्रह दिन में एक बार हो | पाक्षिक |
वह स्त्री जिसे उसके पति ने छोड़ दिया हो | परित्यक्ता |
परिश्रम के बदले दी गई राशि | पारिश्रमिक |
दोपहर के पहले का समय | पूर्वाह्न |
वह जो शीघ्र उत्तर देने की बुद्धि रखता है | प्रत्युपन्नमती |
वह जो बहुत कुछ जानता है | बहुज्ञ |
वह जो दिखने में प्रिय लगे | प्रियदर्शी |
वह जिसे भाषा का पूरा ज्ञान हो | भाषाविद |
वह जो किसी के मर्म को जानले | मर्मज्ञ |
वह जो मास में एक बार हो | मासिक |
वह जो कम बोलता है
| मितभाषी |
वह जो कम खर्च करता है | मितव्ययी |
क्रम के अनुसार | यथाक्रम |
वह जो खुले हाथ से दान करे | मुक्तहस्त |
जहाँ तक सम्भव हो | यथासंभव |
वह जिसने मृत्यु को जीत लिया हो | मृतुन्जय |
शक्ति के अनुसार | यथाशक्ति |
प्रतिष्ठा प्राप्त व्यक्ति
|
लब्धप्रतिष्ठ
|
बालक को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत | लोरी |
वह जो वर्णन से परे हो | वर्णनातीत |
वह जो बहुत ज्यादा बोलता है | वाचाल |
माता - पिता का सन्तान के प्रति प्रेम | वात्सलय |
इच्छानुसार गर्मी व सर्दी का वातावरण | वातानुकूलित |
वर्ष में एक बार हो | वार्षिक |
वह पुरुष जिसकी पत्नी मर गयी हो | विधुर |
वह जो विषय विशेष का ज्ञाता हो | विशेषज्ञ |
वह जो वेदों का ज्ञाता हो | वेदज्ञ |
वह जिसे व्याकरण का पूरा ज्ञान हो | वैयाकरण |
वे हथियार जो हाथ में पकड़कर चलाये जाते हैं | शस्त्र |
शत्रु को मारने वाला
| शत्रुघ्न |
छूत से फैलने वाला रोग | संक्रामक |
वह जो सबको समान रूप से देखे | समदर्शी |
वह जो अपने आप पर निर्भर हो | आत्मनिर्भर/स्वावलंबी |
देश का शासन चलाने हेतु नियमों की पुस्तक | संविधान |
वह जो सब कुछ जानता हो | सर्वज्ञ |
वह जो समान आयु का हो | समवयस्क |
एक ही समय से सम्बन्धित | समकालीन |
उसी समय घटित होने वाला | समसामयिक |
ये भी देखें
संज्ञा <> सर्वनाम <> विशेषण <> क्रिया <> क्रिया-विशेषण <> समुच्चयबोधक <> सम्बन्धबोधक , विस्मयादिबोधक , निपात <> वचन <> काल <> पुरुष <> वाच्य <> लिंग <> उपसर्ग <> प्रत्यय <> शब्द-विचार <> कारक <> सन्धि <> समास <> पर्यायवाची शब्द <> विलोम शब्द
उत्साहवर्धन के लिये धन्यवाद!
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