हिन्दी व्याकरण – शब्द-विचार shabd-vichaar

हिन्दी व्याकरण – शब्द-विचार shabd-vichaar


Hindi grammar



शब्दः भाषा विज्ञान के अन्तर्गत रूप विज्ञान में शब्दों का अध्ययन किया जाता है । शब्दों के अध्ययन में उनके भेद , रूपान्तर तथा व्युत्पत्ति का अध्ययन आवश्यक है । 
एक या एकाधिक अक्षरों से बने हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं ।
संरचना की दृष्टि से शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई है । अर्थ की दृष्टि से भी भाषा की सबसे छोटी इकाई शब्द ही है । शब्द भाषा के प्राण तत्त्व हैं ।

जैसे – 
एक वर्ण से बने शब्द – न (नही) , व (और) आदि
दो या दो से अधिक वर्णों से बने शब्द – पानी, अग्नि , चम्मच , अट्टालिका आदि ।

शब्द के भेद

शब्द की उत्पत्ति , स्रोत , रचना , बनावट , प्रयोग तथा अर्थ के आधार पर शब्दों के निम्न भेद किये जा सकते हैं –

उत्पत्ति के आधार पर 

उत्पत्ति एवं स्रोत के आधार पर हिन्दी भाषा में शब्दों को चार उपभेदों में बाँटा गया है -

  • तत्सम शब्द
  • तद्भव शब्द
  • देशज शब्द
  • विदेशज शब्द


तत्सम शब्द 

किसी भाषा में प्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं । हिन्दी की मूल भाषा ( संस्कृत ) के वे शब्द , जो हिन्दी में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं , उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं ।
जैसे – अगम्य , अज्ञान ,  अट्टालिका , अर्पण , आम , उष्ट्र , कर्ण , गर्दन , क्षेत्र ।

तदभव शब्द

उच्चारण की सुविधानुसार संस्कृत के वे शब्द , जिनका हिन्दी में रूप परिवर्तित हो गया , हिन्दी में तद्भव शब्द कहलाते हैं । 
जैसे – चन्द्र से चाँद , अग्नि में आग , जिहवा से ' जीभ ' बने आदि  शब्द तद्भव शब्द कहलाते है ।

देशज शब्द

किसी भाषा में प्रचलित वे शब्द , जो क्षेत्रीय जनता द्वारा आवश्यकतानुसार गढ़ लिए जाते हैं , देशज शब्द कहलाते हैं । अर्थात् भाषा के अपने शब्दों को देशज शब्द कहते हैं । साथ ही वे शब्द भी देशज शब्दों की श्रेणी में आते हैं जिनके स्रोत का कोई पता नहीं है तथा हिन्दी में संस्कृतेतर भारतीय भाषाओं से आ गये हैं ।
जैसे -

अपनी गढ़न्त से बने शब्द – 

ऊटपटाँग , ऊधम , अंगोछा , खटपट , खचाखच , खर्राटा , खिड़की , खुरपा , गाड़ी , गड़गड़ाना , गड़बड़ , घेवर , चम्मच , चहचहाना , चिमटा , चाट , चुटकी , चिंघाड़ना , चट्टी , छोहरा , छल - छलाना , झण्डा , झगड़ा , टटू , ठठेरा , डगमगाना , ढक्कन , ढाँचा , ढोर , दीदी , पटाखा , परात , पगड़ी , पेट , फटफट , बड़बड़ाना , बटलोई , बाप , बलबलाना , भोला , मकई , मिमियाना , मुक्का , लपलपाना , लड़की , लुग्दी , लोटपोट , लोटा , हिनहिनाना ।

दक्षिण भारत की भाषाओं से आये देशज शब्द 

अनल , कज्जल , नीर , पंडित , माला , मीन , काच , कटी , चिकना , ताला , लूँगी , डोसा , इडली ।

सन्थाल आदि जातियों की भाषा से बने देशज शब्द

कदली से केला , कर्पास से कपास , सरसों , कोड़ी , ताम्बूल , परवल , बाजरा , भिंडी ,

विदेशी शब्द

राजनीतिक , आर्थिक , धार्मिक एवं सांस्कृतिक कारणों से किसी भाषा में अन्य देशों की भाषाओं से भी शब्द आ जाते हैं , इन्हें विदेशी शब्द कहते हैं
 हिन्दी भाषा में प्रयुक्त अंग्रेजी , अरबी , फारसी , पुर्तगाली , तुर्की , फ्रांसीसी , चीनी भाषाओं के अतिरिक्त डच , जर्मनी , जापानी , तिब्बती , रूसी , यूनानी भाषा के भी शब्द प्रयुक्त होते हैं ।

अंग्रेजी भाषा के शब्द

अल्मारी ,अस्पताल , इंजीनियर , एक्स - रे , एजेण्ट , एम.पी. , क्लास , क्लर्क , कलेक्टर , कॉपी , कार , कैमरा , केस , कोट , क्रिकेट , गार्ड , चैक , टायर , ट्यूब , टेलिविजन , टेलर , टीचर , ट्रक , डबल बैड , डॉक्टर , ड्राफ्ट , निब , पोस्टकार्ड , पेन , प्लेटफार्म , पाउडर , पोलिंग , पार्लियामेन्ट , पंचर , फिल्म , फाइल , फुटबाल , बस , बिल्डिंग , बैंक , बैण्ड , ब्रुश , बुश्शर्ट , बैडमिण्टन , मास्टर , मजिस्ट्रेट , मेम्बर , यूनिवर्सिटी , यूनीफार्म , रेडियो , रजिस्टर , रेल , रेडीमेड , लीडरशिप , लाटरी , वारण्ट , वोट , शर्ट , सूट , सिगनल , सिलैण्डर , सीमेण्ट , स्कूटर , स्वैटर ।

अरबी भाषा के शब्द

अक्ल , अजीब , अदालत , आजाद , आदमी , इज्जत , इलाज , इन्तजार , इनाम , इस्तीफा , औलाद , कमाल , कब्जा , कानून , कुर्सी , किताब , किस्मत , कबीला , कीमत , गरीब , जनाब , जलसा , जवाब , जुर्माना , जिला , तहसील , ताकत , तारीख , तूफान , तराजू , तमाशा , दुनिया , दफतर , दौलत , नतीजा , नशा , नकद , फकीर , फैसला , बहस , मदद , मतलब , लिफाफा , वकील , शतरंज , शादी , सुबह , हलवाई , हिम्मत , हिसाब , हुक्म ।

फारसी के शब्द

अखबार , अमरूद , आराम , आवारा , आसमान , आतिशबाजी , आमदनी , कमर , कारीगर , कमीना , कुश्ती , खराब , खर्च , खजाना , खून , खुश्क , गवाह , गुब्बारा , गुलाब , जानवर , जेब , जगह , जमीन , जलेबी , तनख्वाह , तबाह , दर्जी , दवा , दरवाजा , दीवार , नमक , नेक , बीमार , मजदूर , मलाई , यार , लगाम , शेर , शराब , सूखा , सूद , सेर , सौदागर , सुल्तान ।

पुर्तगाली भाषा से

अचार , अगस्त , आलपिन , आलू , आया , अन्नानास , इस्पात , कनस्तर , कारबन , कमीज , कमरा , गमला , गोभी , गोदाम , चाबी , नीलाम , पीपा , पादरी , पिस्तौल , फीता , बस्ता , बटन , बाल्टी , पपीता , प्याला , पतलून , मेज , लबादा , संतरा , साबुन ।

तुर्की भाषा से

आका , उर्दू , एलची , काबू , खाँ , कैंची , काबू , कुर्की , कलंगी , कालीन , खंजर , खॉ , चाक , चिक , चेचक , चुगली , चोगा , तमगा , तमाशा , तोप , बारूद , बाबर्ची , बीबी , बेगम , बहादुर , मुगल , लाश ।

फ्रेंच भाषा से 

अंग्रेज , काजू , कारतूस , कूपन , टेबुल , मेयर , मार्शल , मीनू , रेस्ट्रॉ , सूप ।

चीनी भाषा से

चाय , लीची , लोकाट , तूफान ।

डच भाषा से

तुरुप , बम , चिड़िया , ड्रिल ।

जर्मन भाषा से

नात्सी , नाजीवाद , किंडर गार्टन ।

जापानी भाषा से

रिक्सा , सायोनारा ।

तिब्बती भाषा से 

लामा , डाँडी ।

रुसी भाषा से

जार , सोवियत , रूबल , स्पुतनिक , बुर्जुग ।

यूनानी भाषा से

एकेडमी , एटम , एटलस , टेलिफोन , बाइबिल ।


ये भी देखें

संकर शब्द 

हिन्दी में वे शब्द जो दो अलग - अलग भाषाओं के शब्दों को मिलाकर बना लिये गये हैं , संकर शब्द कहलाते हैं । 

अग्नि बोट अग्नि ( संस्कृत ) + बोट ( अंग्रेजी )
टिकिट - घर टिकिट ( अंग्रेजी ) + घर ( हिन्दी )
तपैदिक तप ( फारसी ) + दिक ( अरबी )
नेकचलन नेक ( फारसी ) + चलन ( हिन्दी ) ,
नेक नीयत नेक ( फारसी ) + नीयत ( अरबी )
बे - आब बे ( फारसी ) + आब ( अरबी )
बे - ढंगा बे ( फारसी ) + ढंगा ( हिन्दी )
बे - कायदा बे ( फारसी ) + कायदा ( अरबी )
विसातखाना विसात ( अरबी ) + खाना ( फारसी )
सजा प्राप्त सजा ( फारसी ) + प्राप्त ( हिन्दी )
रेलगाड़ी रेल ( अंग्रेजी ) + गाड़ी ( हिन्दी )
कवि दरबार कवि ( हिन्दी ) + दरबार ( फारसी )
जाँचकर्ता जाँच ( फारसी ) + कर्ता ( हिन्दी )

रचना के आधार पर 

शब्दों की रचना प्रक्रिया के आधार पर हिन्दी भाषा के शब्दों के तीन भेद किये जाते हैं

  • रूढ़ शब्द
  • यौगिक शब्द
  • योग रूढ़ शब्द

रूढ़ शब्द

वे शब्द जो किसी व्यक्ति , स्थान , प्राणी और वस्तु के लिए वर्षों से प्रयुक्त होने के कारण किसी विशिष्ट अर्थ में प्रचलित हो गए हैं , ' रूढ़ शब्द ' कहलाते हैं ।
इन शब्दों की निर्माण प्रकिया भी पूर्णतः ज्ञात नहीं होती । इनका अन्य अर्थ भी नहीं होता तथा इन शब्दों के टुकड़े करने पर भी उन टुकड़ों के स्वतन्त्र अर्थ नहीं होते ।

जैसे
दीपक , पेड़ , पत्थर , देवता , आकाश , मेंढ़क , स्त्री ।

यौगिक शब्द 

वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हैं । उन शब्दों का अपना पृथक् अर्थ भी होता है , किन्तु वे मिलकर अपने मूल शब्द से सम्बन्धित या अन्य किसी नये अर्थ का भी बोध कराते हैं , यौगिक शब्द कहलाते हैं ।
समस्त संधि , समास , उपसर्ग तथा प्रत्यय से बने शब्द यौगिक शब्द कहलाते हैं ।

जैसे – 
विद्यालय , प्रेमसागर , प्रतिदिन , दूधवाला , राजमाता , ईश्वर - प्रदत , राष्ट्रपति , महर्षि , कृष्णार्पण , चिड़ीमार |

योगरूढ़ शब्द

वे यौगिक शब्द जिनका निर्माण पृथक पृथक् अर्थ देने वाले शब्दों के योग से होता है , किन्तु वे अपने द्वारा प्रतिपादित अनेक अर्थों में से किसी एक विशेष अर्थ के लिए ही प्रतिपादित होकर रूढ़ हो गये हैं , ऐसे शब्दों को योगरूढ़ शब्द कहते हैं

जैसे 
पीताम्बर , शब्द ' पीत ' और ' अम्बर ' के योग से बना है , जो विष्णु के अर्थ में रूढ़ है । इसी प्रकार दशानन , हिमालय , जलज , जलद , गजानन , लम्बोदर , त्रिनेत्र , चतुर्भुज , घनश्याम , रजनीचर , विषधर , चक्रधर , षडानन , मुरारि ।

प्रयोग के आधार पर

  • विकारी शब्द
  • अविकारी शब्द


विकारी शब्द 

वे शब्द , जिनका रूप लिंग , वचन , कारक और काल के अनुसार परिवर्तित हो जाता है , उन्हें विकारी शब्द कहते हैं । विकारी शब्दों में समस्त संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण तथा क्रिया शब्द आते हैं । इनका विस्तृत अध्ययन अलग से किया गया है ।

अविकारी या अव्यय शब्द 

वे शब्द जिनके रूप में लिंग , वचन , कारक , काल के अनुसार कोई विकार उत्पन्न नहीं होता अर्थात् इन शब्दों का रूप सदैव वही बना रहता है । ऐसे शब्दों को अविकारी या अव्यय शब्द कहते हैं । अविकारी शब्दों में क्रियाविशेषण , सम्बन्ध बोधक अव्यय , समुच्चय बोधक अव्यय तथा विस्मयादिबोधक अव्यय आदि शब्द आते हैं । इनका विस्तृत अध्ययन अलग से किया गया है ।

अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर शब्दों के निम्न भेद किए जाते हैं

  • एकार्थी शब्द
  • अनेकार्थी शब्द
  • पर्यायवाची शब्द
  • विलोम शब्द
  • समोच्चारित शब्द या युग्म शब्द 
  • शब्द समूह के लिए एक शब्द 
  • समानार्थक प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द 
  • समूहवाची शब्द 
  • ध्वन्यार्थक शब्द


एकार्थी शब्द 

वे शब्द जिनका प्रयोग प्रायः एक ही अर्थ में होता है , एकार्थी शब्द कहलाते हैंजैसे दिन , धूप , लड़का , पहाड़ , नदी ।

अनेकार्थी शब्द

वे शब्द , जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं , तथा उनका प्रयोग अलग - अलग अर्थ में किया जा सकता हैजैसे : अज , अमृत , कर , सारंग , हरि आदि अनेकार्थी शब्द हैं ।

पर्यायवाची शब्द

वे शब्द जिनका अर्थ समान होता है अर्थात एक शब्द के अनेक समानार्थी शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैंजैसे सूर्य , भानु , रवि , दिनेश , भास्कर आदि शब्द सूर्य के समानार्थी या पर्यायवाची शब्द हैं ।

विलोम शब्द 

वे शब्द जो एक दूसरे का विपरीत अर्थ देते हैं , उन्हें विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहते हैंजैसे दिन - रात , जय - पराजय , आशा - निराशा , सुख - दुःख ।

समोच्चारित शब्द या युग्म शब्द 

वे शब्द जिनका उच्चारण समान प्रतीत होता है किन्तु अर्थ बिल्कुल भिन्न होता है । ऐसे शब्दों को समोच्चारित शब्द , युग्म - शब्द या समरूपी भिन्नार्थक शब्द कहते हैं जैसे अनल - अनिल उच्चारण में समान है किन्तु अनल का अर्थ है- आग तथा अनिल का अर्थ है - हवा ।

शब्द समूह के लिए एक शब्द 

वे शब्द जो किसी वाक्य , वाक्यांश या शब्द समूह के लिए एक शब्द बन कर प्रयुक्त होते हैं उन्हें शब्द समूह के लिए प्रयुक्त ‘ एक शब्द ' कहते हैं जैसे जिसका कोई शत्रु न हो अजातशत्रु ।

समानार्थक प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द 

वे शब्द जो मोटे रूप में समान अर्थ वाले प्रतीत होते हैं , किन्तु उनमें अर्थ का इतना सूक्ष्म अन्तर होता है कि उन्हें अलग - अलग संदर्भ में ही प्रयुक्त करना पड़ता है । जैसे अस्त्र - शस्त्र । ' अस्त्र ' शब्द उन हथियारों के लिए प्रयुक्त होता है , जिन्हें फेंक कर वार किया जाता है । जैसे- तीर , बम , बन्दूक , आदि ; जबकि शस्त्र उन हथियारों को कहते हैं जिनका प्रयोग पास में रखकर ही किया जाता है जैसे- लाठी , तलवार , चाकू , भाला आदि ।

समूहवाची शब्द 

वे शब्द जो किसी एक समूह का बोध कराते हैं उन्हें समूहवाची शब्द कहते हैं जैसे : गट्ठर ( लकड़ी या पुस्तकों का ) गुच्छा ( चाबियाँ या अंगूर का ) गिरोह ( माफिया या डाकुओं का ) , जोड़ा ( जूतों का , हंसों का ) जत्था ( यात्रियों का , सत्याग्रहियों का ) , झुण्ड ( पशुओं का ) टुकड़ी ( सेना की ) . ढेर ( अनाज का ) , पंक्ति ( मनुष्यों , हंसों की ) भीड़ ( मनुष्यों की ) , माला ( फूलों की , मोतियों की ) , शृंखला ( मानव , लौह ) रेवड़ ( भेड़ व बकरियों का ) समूह ( मनुष्यों का )

ध्वन्यार्थक शब्द 

वे ध्वन्यात्मक शब्द जिनका अर्थ ध्वनियों पर आधारित होता है
इनको निम्न उपभेदों में बाँट सकते हैं

पशुओं की बोलियाँ 

किलकिलाना ( बन्दर ) , गुर्राना , ( चीता ) दहाड़ना ( शेर ) भौंकना ( कुत्ता ) , रेंकना ( गधा ) , हिनहिनाना ( घोड़ा ) , डकारना ( बैल ) चिंघाड़ना ( हाथी ) , फुफकारना ( साँप ) , मिमियाना ( भेड़ , बकरी ) रंभाना ( गाय ) , गुंजारना ( भौंरा ) , टर्राना ( मेंढ़क ) , म्याऊ ( बिल्ली ) बलबलाना ( ऊँट ) , हुआ हुआ ( गीदड़ ) !

पक्षियों की बोलियाँ

कूजना ( बतख , कुरजां ) , कुकडुकूँ ( मुर्गा ) चीखना ( बाज ) , हू हू ( उल्लू ) , काँव - काँव ( कौवा ) गुटरगूं ( कबूतर ) , टें - टें ( तोता ) , कूहकना ( कोयल ) , चहचहाना ( चिड़िया ) मेयो , मेयो ( मोर )

जड़ पदार्थों की ध्वनियाँ 

कड़कना ( बिजली ) , खटखटाना ( दरवाजा ) , छुक - छुक ( रेलगाड़ी ) , टिक - टिक ( घड़ी ) , गरजना ( बादल ) , किटकिटाना ( दाँत ) , खनखनाना ( रुपया ) टनटनाना ( घण्टा ) फड़फड़ाना ( पंख ) , खड़खड़ाना ( पत्ते )

अन्य शब्द 

छलछलाना , लहलहाना , दमदमाना , चमचमाना , जगमगाना , फहराना , लपलपाना ।
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