हिन्दी व्याकरण - लिंग Gender
लिंग शब्द शाब्दिक अर्थ है चिह्न या पहचान ।
परिभाषा
जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता है व्याकरण के अन्तर्गत उसे लिंग कहते हैं ।
लिंग के भेद
संस्कृत जैसी अधिकतर भाषओं में लिंग के तीन भेद होते हैं । परन्तु हिन्दी भाषा में लिंग के दो भेद हैं -
- पुल्लिंग
- स्त्री लिंग
- पुल्लिंग
- स्त्री लिंग
पुल्लिंग
जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द की पुरुष जाति का बोध होता है , उसे पुल्लिंग कहते हैं ।
जैसे - गोविन्द , अध्यापक , मेरा , काला , जाता आदि ।
स्त्रीलिंग
जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द की स्त्री जाति का बोध होता है , उसे स्त्रीलिंग कहते हैं ।
जैसे - सीता , अध्यापिका , मेरी , काली , जाती आदि ।
लिंग की पहचान
लिंग की पहचान शब्दों के व्यवहार से होती है । कुछ शब्द सदा पुल्लिंग रहते हैं तो कुछ शब्द सदा स्त्रीलिंग । कुछ शब्द परम्परा के कारण पुल्लिंग या स्त्री लिंग में प्रयुक्त होते हैं ।
पुल्लिंग संज्ञा शब्दों की पहचान
( i ) प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाएँ
पुरुष , आदमी , मनुष्य , लड़का , शेर , चीता , हाथी , कुत्ता , घोड़ा , बैल , बन्दर , पशु , खरगोश , गैण्डा , मेंढ़क , साँप , मच्छर , तोता , बाज , मोर , कबूतर , कौवा , उल्लू , खटमल , कछुआ आदि।
( ii ) अप्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाएँ
- पर्वतों के नाम : हिमालय , विन्ध्याचल , अरावली , कैलास , आल्पस आदि ।
- महीनों के नाम : भारतीय महीनों तथा अंग्रेजी महीनों के नाम जैसे चैत , वैशाख , ज्येष्ठ , आषाढ़ , मार्च आदि ।
- दिन या वारों के नाम : सोमवार , मंगलवार , शनिवार आदि ।
- देशों के नाम : भारत , अमेरिका , चीन , रूस , फ्रांस , इण्डोनेशिया आदि । ( अपवाद - श्रीलंका ( स्त्रीलिंग )
- ग्रहों के नाम : सूर्य , चन्द्रमा , मंगल , शुक्र , राहु , केतु , अरुण , वरुण , यम आदि । (अपवाद - पृथ्वी )
- धातुओं के नाम : सोना , ताम्बा , पीतल , लोहा आदि । अपवाद ( चाँदी )
- वृक्षों के नाम : नीम , बरगद , बबूल , आम , पीपल , अशोक आदि । (अपवाद - इमली )
- अनाजों के नाम : चावल , गेहूँ , बाजरा , जौ आदि । (अपवाद - ज्वार )
- द्रवपदार्थों के नाम : तेल , घी , दूध , शर्बत , मक्खन , पानी आदि । (अपवाद - लस्सी , चाय )
- समय सूचक नाम : क्षण , सेकण्ड , मिनट , घण्टा , दिन , सप्ताह , पक्ष , माह आदि । (अपवाद - रात , सायं , सन्ध्या , दोपहर )
- वर्णमाला के वर्ण : स्वर तथा क से ह तक व्यंजन आदि । ( अपवाद - इ , ई , ऋ )
- समुद्रों के नाम : हिन्द महासागर , प्रशान्त महासागर आदि ।
- रत्नों के नाम : हीरा , पुखराज , नीलम , पन्ना , मोती , माणिक्य आदि । (अपवाद - मणि , लाल )
- शरीर के अंगों के नाम : सिर , बाल , नाक , कान , दाँत , गाल , हाथ , पैर , ओंठ , मुँह आदि । (अपवाद - गर्दन , जीभ , अंगुली )
- देवताओं के नाम : इन्द्र , यम , वरुण , ब्रह्मा , विष्णु , महेश आदि ।
आपा , आव , आवा , आर , अ , अन , ईय , एरा , त्व , दान , पन , य , खाना वाला आदि प्रत्यय युक्त शब्द ।
जैसे - बुढ़ापा , चुनाव , पहनावा , सुनार , न्याय , दर्शन , पूजनीय , चचेरा , देवत्व , फूलदान , बचपन , सौन्दर्य , डाकखाना , दूधवाला आदि ।
ख , ज , न , त्र के अन्तवाले शब्द : जैसे सुख , जलज , नयन , शस्त्र आदि ।
स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों की पहचान
- तिथियों के नाम : प्रथमा , द्वितीया , एकादशी , अमावस्या , पूर्णिमा आदि ।
- भाषाओं के नाम : हिन्दी , अंग्रेजी , उर्दू , जापानी , मलयालम आदि ।
- लिपियों के नाम : देवनागरी , रोमन , गुरुमुखी , अरबी , फारसी आदि ।
- बोलियों के नाम : ब्रज , भोजपुरी , हरियाणवी , अवधी आदि ।
- नदियों के नाम : गंगा , गोदावरी , व्यास , ब्रह्मपुत्र आदि ।
- नक्षत्रों के नाम : रोहिणी , अश्विनी , भरणी आदि ।
- देवियों के नाम : दुर्गा , रमा , उमा आदि ।
- महिलाओं के नाम : आशा , शबनम , रजिया , सीता आदि ।
- लताओं के नाम : अमर बेल , मालती , तोरई आदि ।
- आ , आई , आइन , आनी , आवट , आहट , इया , ई , त , ता , ति , आदि प्रत्यय युक्त शब्द ।
ये भी देखें
संज्ञा <> सर्वनाम <> विशेषण <> क्रिया <> क्रिया-विशेषण <> समुच्चयबोधक <> सम्बन्धबोधक , विस्मयादिबोधक , निपात <> वचन <> काल <> पुरुष <> वाच्य
लिंग परिवर्तन
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के कुछ नियम
शब्दान्त ' अ ' को ' आ ' में बदलकर
छात्र - छात्रा पूज्य - पूज्यासुत - सुता वृद्ध - वृध्दा
भवदीय - भवदीया अनुज – अनुजा आदि ।
शब्दान्त ' अ ' को ' ई ' में बदलकर
देव - देवी पुत्र - पुत्रीगोप - गोपी ब्राह्मण - ब्राहमणी
मेंढक मेंढकी दास - दासी आदि।
शब्दान्त ' आ ' को ' ई ' में बदलकर
नाना - नानी लड़का - लड़कीघोड़ा - घोड़ी बेटा - बेटी
रस्सा - रस्सी चाचा – चाची आदि ।
शब्दान्त " आ ' को ' इया ' में बदलकर
बूढा - बुढ़िया चूहा - चुहियाकुत्ता - कुतिया डिब्बा - डिबिया
बेटा - बिटिया लोटा - लुटिया आदि ।
शब्दान्त प्रत्यय ' अक ' को “ इका ' में बदलकर
बालक - बालिका लेखक - लेखिकानायक - नायिका पाठक - पाठिका
गायक - गायिका विधायक – विधायिका आदि ।
' आनी ' प्रत्यय लगाकर
देवर – देवरानी चौधरी - चौधरानीसेठ - सेठानी भव - भवानी
जेठ – जेठानी आदि ।
' नी ' प्रत्यय लगाकर
शेर - शेरनी मोर - मोरनीजाट - जाटनी सिंह - सिंहनी
ऊँट - ऊँटनी भील - भीलनी आदि ।
शब्दान्त में ' ई ' के स्थान पर ' इनी ' - लगाकर
हाथी - हथिनी तपस्वी - तपस्विनीस्वामी – स्वामिनी आदि ।
' इन ' प्रत्यय लगाकर
माली - मालिन। चमार - चमारिनधोबी - धोबिन नाई - नाइन
कुम्हार - कुम्हारिन सुनार - सुनारिन आदि ।
' आइन ' प्रत्यय लगाकर
चौधरी - चौधराइन ठाकुर - ठकुराइनमुंशी – मुंशियाइन आदि ।
शब्दान्त ' वान ' के स्थान पर “ वती ' लगाकर
गुणवान - गुणवती पुत्रवान - पुत्रवतीभगवान भगवती बलवान - बलवती
भाग्यवान - भाग्यवती सत्यवान – सत्यवती आदि ।
शब्दान्त ' मान ' के स्थान पर ' मती ' लगाकर
श्रीमान् – श्रीमती बुद्धिमान् - बुद्धिमतीआयुष्मान् – आयुष्मती आदि ।
शब्दान्त ' ता ' के स्थान पर " त्री ' लगाकर
कर्ता - कर्त्री नेता - नेत्रीदाता – दात्री आदि ।
शब्द के पूर्व में ' मादा ' शब्द लगाकर
खरगोश - मादा खरगोश भेडिया - मादा भेड़ियाभालू - मादा भालू आदि ।
भिन्न रूप वाले कुछ शब्द
कवि - कवयित्री वर - वधूविद्वान - विदुषी वीर - वीरांगना
मर्द औरत दुल्हा - दुल्हन
नर - नारी बैल - गाय
राजा - रानी भाई - भाभी / बहिन
बादशाह - बेगम युवक - युवती
ससुर - सास आदि ।
विशेष
तारा , देवता , व्यक्ति , आदि शब्द संस्कृत में स्त्रीलिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में पुल्लिंग ।
साधु – साध्वी , पुरुष – स्त्री ,आत्मा , बूंद , देह , बाहू , आदि शब्द संस्कृत में पुल्लिंग हैं किन्तु हिन्दी में स्त्रीलिंग ।
संस्कृत में ' इमा ' प्रत्यान्त शब्द यथा - महिमा , गरिमा , लघिमा , सीमा , आदि पुल्लिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में ये तत्सम शब्द होते हुए भी स्त्रीलिंग हैं ।
' अ ' प्रत्यान्त - जय , विजय , पराजय , संस्कृत में पुल्लिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में स्त्रीलिंग ।
कृत और तद्धित प्रत्ययों से बने विशेषण या कर्तृवाच्य शब्द स्त्रीलिंग या पुल्लिंग शब्द के साथ यथावत ही प्रयुक्त होते हैं ।
जैसे - आकर्षक दृश्य या घटना । देदीप्यमान - प्रकाश या ज्योति । परिचित पुरुष या महिला । धार्मिक संगठन या संस्था । धर्मज्ञ - सर्वनाम में लिंग के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होता है ।
जैसे - आकर्षक दृश्य या घटना । देदीप्यमान - प्रकाश या ज्योति । परिचित पुरुष या महिला । धार्मिक संगठन या संस्था । धर्मज्ञ - सर्वनाम में लिंग के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होता है ।
निम्न पदवाची शब्दों में भी लिंग परिवर्तन नहीं होता राष्ट्रपति , प्रधानमन्त्री , मंत्री , डाक्टर , मैनेजर , प्रिंसिपल , पुरुष या नारी
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