हिन्दी व्याकरण - विशेषण Adjective

हिन्दी व्याकरण - विशेषण Adjective

Adjective



विशेषण

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता ( गुण , दोष , रंग , आकार-प्रकार , संख्या ) बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं ।

जैसे – काला , लम्बा , चौड़ा , एक किलो , भारी , दयालु , क्रूर , सुन्दर आदि ।

उदाहरण

 काला कुत्ता ।
लम्बा सांप ।
एक किलो शक्कर ।
राम बड़ा दयालु है ।
राधा सुंदर है ।

उपर्युक्त वाक्यों में काला , लम्बा , एक किलो , दयालु , सुंदर  शब्द क्रमशः कुत्ता , सांप , शक्कर , राम , राधा की विशेषता बता रहे हैं ।

विशेष्य

जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाती है , उसे विशेष्य कहते हैं । 

ये आम मीठे हैं ।
वे पुष्प सुंदर हैं ।
श्याम होनहार विद्यार्थी है ।

उपर्युक्त वाक्यों में मीठे , सुंदर , होनहार आदि शब्द क्रमशः आम , पुष्प व श्याम आदि संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं । अतः मीठे , सुंदर व होनहार विशेषण तथा आम , पुष्प व श्याम विशेष्य हैं ।

विशेषण शब्द प्रायः विशेष्य के पहले लगते हैं किंतु कभी-कभी विशेष्य के बाद भी इनका प्रयोग किया जाता है ।

प्रविशेषण

वे शब्द जो विशेषणों की विशेषताएं बताएँ , उन्हें प्रविशेषण कहते हैं ।

राम बहुत अच्छा विद्यार्थी है ।
आज बहुत अधिक गर्मी है ।
कोरोना बहुत खतरनाक बीमारी है ।
रमा बड़ी चतुर है ।

इन वाक्यों में राम , गर्मी , कोरोना , रमा – विशेष्य । अच्छा , अधिक , खतरनाक , चतुर – विशेषण । बहुत , बड़ी – प्रविशेषण हैं ।

विशेषण के भेद

मुख्यतः विशेषण के चार भेद होते हैं –

  • गुणवाचक विशेषण
  • परिमाणवाचक विशेषण
  • संख्यावाचक विशेषण
  • सार्वनामिक विशेषण



गुणवाचक विशेषण

संज्ञा या सर्वनाम शब्द के किसी भी प्रकार के गुण से सम्बंधित विशेषता बताने वाले शब्दों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं ।
गुण – यहाँ गुण से तात्पर्य किसी की अच्छाई मात्र से न होकर किसी भी वस्तु या व्यक्ति की विशेष स्थिति , दशा , दिशा , काल , स्थान ,रूप , रंग , गन्ध , आकार , बुराई , अच्छाई , स्वाद आदि से है ।

जैसे -

  • गुण बोधक – अच्छा , भला , दानी , सुशील , शिष्ट , नम्र  आदि ।
  • दोष बोधक – बुरा , खराब , दुष्चरित्र , कंजूस , अशिष्ट , ढीठ आदि ।
  • रंग बोधक – लाल , काला , हरा , नीला , सतरंगी , बहुरंगी , खाकी , सुरमई आदि ।
  • समय बोधक – मासिक , पाक्षिक , साप्ताहिक , दैनिक , वार्षिक , प्राचीन , नवीन आदि ।
  • स्थान बोधक – दिल्ली , जयपुरी , बीकानेरी , पंजाबी , भारतिय ,रूसी , जापानी आदि ।
  • गन्धबोधक – खुशबूदार , बदबूदार , सुगन्धित , दुर्गन्धित , सौंधी आदि ।
  • दिशा बोधक – पूर्वी , पश्चिमी , उत्तरी , दक्षिणी , ऊपरी , भीतरी , बाहरी आदि ।
  • अवस्थाबोधक – सूखा ,गीला , भुना हुआ , तला हुआ आदि ।
  • आयुबोधक – बच्चा , बूढा , जवान , किशोर आदि ।
  • दशाबोधक – स्वस्थ , रोगी , तंदुरुस्त , सुधरा हुआ , बिगड़ा हुआ आदि ।
  • आकार बोधक – मोटा , लम्बा , चौड़ा , ठिगना , त्रिभुज , षटकोण , गोल आदि ।
  • स्पर्श बोधक – कोमल , कठोर , मुलायम , नर्म , ठंडा , गर्म आदि ।


 परिमाणवाचक विशेषण

जिन शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की माप-तोल सम्बंधित विशेषता का ज्ञान होता है , उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं ।

जैसे
मेरी गाय प्रतिदिन पांच लीटर दूध देती है ।
राम बहुत मीठा खाता है ।

परिमाणवाचक विशेषण के प्रकार

  • निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
  • अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण


निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित माप-तोल का बोध करवाते हैं , उन्हें निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं । जैसे – पांच लीटर दूध , दो मीटर कपड़ा , दस ग्राम सोना आदि ।

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित माप-तोल का बोध नही करवाकर अनिश्चित परिमाण का बोध करवाते हैं , उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं । जैसे – कुछ फल , थोड़ा दूध , ज्यादा चीनी आदि ।

ये भी देखें

संख्यावाचक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की संख्या सम्बंधित विशेषता के बोध करवाये उन्हें संख्या वाचक विशेषण कहते हैं ।

जैसे –

हमारी कक्षा में बीस विद्यार्थी हैं ।
मुझे दो दर्जन आम चाहिए ।
कोरोना की वजह से अबतक कई मर चुके हैं ।

संख्यावाचक विशेषण के भेद

  • निश्चित संख्यावाचक विशेषण
  • अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण


निश्चित संख्यावाचक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध करवाते हैं , उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ।
जैसे – बीस विद्यार्थी ,  पांच केले आदि ।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भेद 

कुछ विद्वान प्रयोग के आधार पर निश्चित संख्यावाचक विशेषण के छः भेद स्वीकार करते हैं –

  • पूर्णांक बोधक विशेषण 
एक , दस , सौ , हजार , लाख आदि
जैसे - कल मुझे दस हजार रुपये चाहिए ।

  • अपूर्णांक बोधक विशेषण 
पौना , सवा , डेढ , ढाई आदि
ढाई बजे ट्रेन चलेगी ।

  • क्रमवाचक विशेषण
दूसरा , चौथा , ग्यारहवाँ , पचासवाँ आदि ।
दूसरी लड़की गाये ।

  • आवृत्तिवाचक विशेषण 
दुगुना , तिगुना , दसगुना आदि
राम तुमसे दसगुना कमाता है ।

  • समूहवाचक विशेषण 
तीनों , पाँचों , आठों आदि । 
तुम चारों जाओ ।

  • प्रत्येक बोधक विशेषण 
प्रति , प्रत्येक , हरेक , एक - एक आदि ।
प्रत्येक को चेक किया जाएगा ।


अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध नही करवाते हैं , उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं । जैसे – कुछ छात्र , 8-10 लड़कियां , असंख्य लोग आदि ।

हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में असंख्य पुस्तकें हैं ।
कुछ छात्र शैतानी करते हैं ।
आज 8-10 लड़कियां ही आयी हैं ।


सार्वनामिक विशेषण

जब कोई सर्वनाम संज्ञा के पहले प्रयुक्त होकर संज्ञा की विशेषण की तरह  विशेषता बताये , उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं

यह गाय रमेश की है ।
कौन लोग आए थे ?

सार्वनामिक विशेषण के भेद


  • निश्चयवाचक/संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण
  • अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
  • सम्बन्धवाचक सार्वनामिक विशेषण
  • प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण



निश्चयवाचक/संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण

ये संज्ञा या सर्वनाम की ओर निश्चयात्मक संकेत करते हैं
जैसे – यह कलम मेरी है ।

अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

ये संज्ञा या सर्वनाम की ओर अनिश्चयात्मक संकेत करते हैं
जैसे – कोई व्यक्ति आपसे मिलने आया है ।

सम्बन्धवाचक सार्वनामिक विशेषण

ये वाक्य में प्रयुक्त एक संज्ञा या सर्वनाम का दूसरे संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्ध का बोध करवाते हैं ।
जैसे - जो व्यक्ति आपसे मिलने आया है , वह बाहर खड़ा है ।


प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण

ये संज्ञा या सर्वनाम से सम्बंधित प्रश्नों का बोध करवाते हैं ।
जैसे – कौन लड़की खड़ी है ?

विशेष – 

वाक्य में विशेषण दो प्रकार से प्रयुक्त होते हैं । विशेष्य से पहले व विशेष्य के बाद

इस आधार व विशेषण के दो भेद होते हैं –

  • उद्देश्य विशेषण
  • विधेय विशेषण


उद्देश्य विशेषण

विशेष्य से पहले प्रयुक्त विशेषण उद्देश्य विशेषण कहलाते हैं । स्थिति की दृष्टि से ये विशेषण वाक्य के उद्देश्य भाग में आते हैं
जैसे - विद्वान व्यक्ति सर्वत्र पूजा जाता है ।

विधेय विशेषण

विशेष्य के बाद व क्रिया से पूर्व प्रयुक्त विशेषण विधेय विशेषण कहलाते हैं । स्थिति की दृष्टि से ये विशेषण वाक्य के विधेय भाग में आते हैं ।
जैसे – रमा कितनी चतुर है ।

विशेषणों की रचना 

कुछ शब्द मूल रूप से विशेषण होते हैं जबकि कुछ शब्दों के मूल रूप में प्रत्यय , उपसर्ग , व समास का प्रयोग करके नए विशेषणों की रचना की जाती है । ऐसे विशेषणों को व्युत्पन्न विशेषण कहते हैं । 

कुछ उदाहरण - 


उपसर्ग से विशेषण

अ + बोध – अबोध । असमर्थ , अविचल आदि ।
स + पूत – सपूत । सजीव , सचित्र , सजल आदि ।
नि + डर – निडर । निकम्मा , निपूती आदि ।
ला + वारिस – लावारिस । लाइलाज , लापता आदि ।
बे + कसूर – बेकसूर । बेईमान , बेवजह आदि ।

प्रत्ययों से विशेषण

इतिहास + इक – ऐतिहासिक
रंग + इला – रंगीला
सुख + द - सुखद
बुद्धि + मान - बुद्धिमान
मद + अक – मादक

संज्ञा से विशेषण

जयपुर – जयपुरी
आदर – आदरणीय
नमक – नमकीन
नगर – नागरिक
भारत – भारतीय

सर्वनाम से विशेषण

जो – जैसा
वह – वैसा
यह - ऐसा
तुम – तुम सा
अहं – अहंकार

क्रिया से विशेषण

पठ – पठित
चलना – चालू
भूलना – भुलक्कड़
हँसना – हँसोड़
दिखाना – दिखावटी

अव्यय से विशेषण


बाहर – बाहरी
आगे – अगला
पीछे – पिछला
नीचे – निचला
ऊपर – ऊपरी
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